Thursday 20 July 2017

मनोहर पर्रिकर का बयान और बीजेपी की फर्जी गौभक्ति का पर्दाफाश

नये लेख के साथ लौटा हूं, आज हम मनोहर पर्रिकर के गोवा विधानसभा मे दिये बयान पर अपने लेख को आगे की तरफ लेकर जायेंगे।


आप सभी को पता ही है कि बीजेपी अपने-आप को हर राज्य की राजनीति के हिसाब से ढालती आई है और अब मनोहर पर्रिकर के बीफ पर दिये गये बयान से शत-प्रतिशत तय हो गया है कि बीजेपी हर राज्य की राजनीतिक जरूरत के हिसाब से खुद को ढाल लेगी, उत्तरप्रदेश मे गौ माता हो जाती है और गोवा मे बीफ की कमी नही होने देगी।

मनोहर पर्रिकर ने विधानसभा मे एक बयान दिया कि गोवा मे बीफ की कमी नही होने दी जायेगी, लेकिन इस बयान पर फर्जी गौभक्त बचते नजर आ रहे हैं, फर्जी गौभक्त इसलिये क्यूंकि बीफ की अफवाह भर पर लोगों को मार दिया जाता है लेकिन एक मुख्यमंत्री कहे कि बीफ कमी नही होने दी जायेगी  उसको कुर्सी से उतरवाने के लिये प्रदर्शन क्यूं नही किये जाते, प्रधानमंत्री की तरफ से एक ट्वीट क्यूं नही आता कि मनोहर पर्रिकर ने गलत कहा था, लेकिन नही ट्वीट भी नही आयेगा क्यूंकि गोवा मे गौमाता वहां राजनीति के अनुसार प्रयोग मे लाई जा रही है।


गोवा मे गौभक्त बीजेपी की सरकार है लेकिन ये बीजेपी गौभक्त नही है ये फर्जी गौभक्त है अगर गौभक्त होती तो अब तक मनोहर पर्रिकर का इस्तीफा ले लिया जाता है। लेकिन मनोहर पर्रिकर को गोवा की राजनीति के अनुसार खुला छोडा हुआ है वो गौमाता को कुछ भी कह सकते हैं बीफ की आपूर्ति के लिये वो कुछ भी करवा सकते हैं लेकिन गौभक्त सरकार उनको नही रोकेगी, क्यूंकि अगर रोका तो गोवा मे उनकी राजनीति प्रभावित होगी, बीजेपी को गौमाता से कोई मतलब नही उनको अपनी राजनीति से मतलब है गौमाता बेशक कटती रहे मगर उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि बढती रहनी चाहिए।


अगर ऐसा बयान कांग्रेस के मुख्यमंत्री की तरफ से दिया गया होता तो हर तरफ धरने-प्रदर्शन कर पूरी कांग्रेस को गौमाता का हत्यारा ठहरा दिया जाता जैसे केरल मे बछडा काट रहे कुछ युवा कांग्रेस के पदाधिकारीयों के कारण पूरी कांग्रेस को गौमाता का हत्यारा ठहरा दिया गया था लेकिन उस वक्त कांग्रेस ने तत्काल कार्रवाई करते हुये केरल की युवा कांग्रेस को बर्खास्त कर दिया था।
लेकिन फर्जी गौभक्तों की सरकार अब तक मनोहर पर्रिकर को बर्खास्त नही कर पा रही। ये उनकी फर्जी-गौभक्ति इसीलिये कही जा रही है क्यूंकि वो मनोहर पर्रिकर को बर्खास्त नही कर पायेंगे, मनोहर पर्रिकर गौमाता से ऊपर हैं, गौमाता के भक्तों की आस्था से ऊपर हैं।


"गौमाता गौमाता रही यूपी के चुनावों मे, गोवा मे जाकर वो बीफ की कमी नही रहने देंगे, अब कैसे वो आस्था के बहाने बना गौमाता को माता कहने देंगे, गौभक्ति ढल गई सरकार की राजनीतिक मजबूरीयों के अनुसार, अब कैसे वो खुद को सच्चा गौभक्त कहने देंगे"


अब हर किसी को कहने मे संकोच नही होना चाहिए कि गौमाता अब राजनीतिक जरूरत बन गई है, और जिस राज्य मे जैसी राजनीतिक जरूरत को गौमाता पूरी करेगी गौमाता को उसी तरां उपयोग किया जाता रहे इन फर्जी गौभक्तों के द्वारा।


कहा जाता रहा है कि नरेंद्र मोदी जी दमदार प्रधानमन्त्री हैं वो कडे से कडा निर्णय ले सकते हैं, और मैं ही नही पूरा देश नरेंद्र मोदी को तब गौभक्त मानेगी जब वो अपनी राजनीतिक मजबूरियों को दूर रखकर मनोहर पर्रिकर को हटा देंगे, हम तब ही उनको सच्चा गौभक्त मानेंगे, नही तो एक फर्जी गौभक्त वाला तमगा उनके नाम के साथ भी चिपका दिया जायेगा।


"गौमाता को माता रहने दो, मत करो राजनीति गौमाता को सहूलियतें देने दो, गौशाला मे मर रही है गौमाता, फर्जी गौभक्ति राजनीति की भेंट चढ रही है गौमाता, अब राजनीति की भेंट चढने से गौमाता को बचाना होगा, अब हर किसी गौभक्त बन जाना होगा, दूर करने होंगे मतभेद आपसी भी, एक भाईचारा भी निभाना होगा"


बस इन्हीं पंक्तियो के साथ विदा लेता हूं।


No comments:

Post a Comment