Monday 10 July 2017

राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाकात तो हो-हल्ले, मोदी चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की तारीफ करे तो बल्ले-बल्ले

नये लेख के साथ हाजिर हूं आपके बीच, भारत-चीन सीमा पर विवाद के बीच राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाकात पर पूरी मीडिया ने हो हल्ला मचाया हुआ है, लेकिन ये मीडिया राहुल गांधी की मुलाकात को देशविरोधी साबित करने मे लगी है लेकिन नरेंद्र मोदी द्वारा जी-20 सम्मेलन मे जाकर जब चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की तारीफ करते हैं वो तारीफ भी इसी भारत-चीन सीमा विवाद के बीच ही हुई है। 

लेकिन मुझे आज ये कहते हुये कोई आश्चर्य नही हो रहा कि भारतीय मीडिया सरकारी मीडिया बना हुआ है जैसे सरकार खबर प्लांट करवाती है ठीक वैसे ही खबर दिखा दी जाती है। लेकिन राहुल गांधी खुद ट्वीट कर जानकारी देते हैं कि आज चीनी राजदूत के साथ भूटान के राजनयिक के संग मुलाकात की। और इसके बाद ही भाजपा ने सवालों की झडी लगा दी लेकिन वो भाजपा भूल गई कि ताजा-ताजा नरेंद्र मोदी जी ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की तारीफों के पुल बांधे थे जबकि भारत-चीन सीमा बाद आज ही तो नही हुआ।
आप लोगों को बताना चाहूंगा कि नरेंद्र मोदी जी जब चीनी राष्ट्रपति के साथ झूला-झुलाई डिप्लोमेसी खेल रहे थे तब ही 1000चीनी सैनिक भारत की सीमा के अंदर घुस आये थे और ये मैं सबूतों के साथ कह रहा हूं, आज राहुल गांधी जी ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से दोनों फोटो को ट्वीट कर बीजेपी के अभद्रजन/ट्रोलियों को जवाब दिया।

"उंगलिया उठाने के लिये हम ही हम हैं, खुद के जनाब को भी तो देखो उनके लिये जिनपिंग ही जिनपिंग है"

राहुल गांधी जी की ये मुलाकात भारत-चीन सीमा पर बढते विवाद के हल के लिये चीनी राजदूत व चीन सरकार के रूख को नापने के लिये थी और राहुल गांधी जी ने ये मुलाकात कोई देश से छिपाकर नही की, 125करोड देशवासियों को ट्वीटर अकाउंट के माध्यम से जानकारी दी और साथ मे ही हो रहे हो-हल्ले को मोदी की जिनपिंग के साथ झूला-झुलते हुये भारतीय सीमा मे 1000सैनिकों के घुसने की खबर को पोस्ट करते हुये मोदी पर भी सवाल उठाया कि जब भारतीय सीमा मे चीनी सैनिक चहलकदमी कर रहे थे तब मोदी जी चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को झूला-झुलाई कर रहे थे।
राहुल गांधी ने आज ट्वीटर पर कडा रूख अख्तियार करते हुये, एक के बाद एक ट्वीट करते हुये मोदीसरकार को घेरा और सवाल भी उठाया कि भारत-चीन सीमा विवाद के बीच मोदीसरकार के 3मंत्री चीन दौर पर क्यूं?
काफी टीवी चैनलों पर बीजेपी प्रवक्ताओं को सुनते हुये हंसी आ रही थी एक तरफ तो वो राहुल गांधी को कोस रहे थे लेकिन जब मोदी द्वारा चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की तारीफ करने की बात आती तो उनके चेहरों की रौनक खामोशियां बनती दिख रही थी और वे राहुल-राहुल चिल्लाकर एक गली के लौंडे वाली हरकतें कर रहे थे फालतू का रौला-रप्पा पा रहे थे।
राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाकात एक शांतिपूर्ण हल के लिये चीन के रूख को आंकना भर था कि क्या शांतिपूर्ण हल हो सकता है, वैसे राहुल गांधी की मुलाकात पर सवाल उठाने वाले भूल जाते हैं कि नरेंद्र मोदी जी सीमा पर सैनिकों की हो रही शहादत के बीच नवाज शरीफ के जन्मदिन का केक खाने गये थे और तो और नरेंद्र मोदी जी बिन बुलाये नवाज के परिवार के शादी समारोह मे भी शामिल हुये जो देश शर्मिंदा करने वाला था क्यूंकि भारत की रीत है कि भारतीय कभी किसी खुशी-समारोह मे बिन बुलाये नही जाते, लेकिन मोदी जी भारतीय रीति-रिवाजों के उलट बिन बुलाये जाकर शादी समारोह में शामिल हुये।
लेकिन इस केक खाई के बाद पाकिस्तान ने भारतीय ऐयरबेस पर आंतकी हमला करवा दिया, ये पाकिस्तान की तरफ से मोदी को दिया उपहार था।
गौर करने वाली बात ये रही कि मजबूत प्रधानमन्त्री ने गोपनीय रखे जाने वाले ऐयरबेस मे हुये आंतकी हमले की जांच के लिये पाकिस्तान आईएसआई की जेआईटी को अनुमति दी, क्या तब वो अनुमति राहुल गांधी ने दी थी।

अब भारतीय मीडिया को स्वतंत्र बनना होगा, हर भारतीय मीडिया के साथ खडेगा, सरकारें कुछ नही कर सकती क्यूंकि भारत लोकतांत्रिक देश है यहां तानाशाही नही चलती, सरकारें यहां लोग बदल देते हैं, अगर मीडिया लोगों को भ्रमित नही करेगी तो लोग उसके संग एक आंदोलन बन खडे होंगे।

"आज की मीडिया का मकसद है सिर्फ पैसा कमाओ और खबरें मोदी की दिखाओ"

मैं ये नही कहता कि मीडिया को कांग्रेस  सुपोर्ट करे, मीडिया वो दिखाये जो देश जानना चाहता है, मीडिया वो दिखाये जो घटित हो रहा है, मीडिया वो ना दिखाये जो घटित करवाया जा रहा है, मीडिया को स्वतंत्र रहने देना चाहिए ताकि मीडिया देश की एक सच्ची तस्वीर बन देश की जनता को आईना दिखाये लेकिन आज की मीडिया देश की जनता को आईना नही ब्लकि मोदी की तस्वीर दिखा रही है।

अगर कांग्रेस ऐसे ही मीडिया को अपनी तस्वीर बनाती तो कांग्रेस पर कोई उंगली नही उठती और कांग्रेस ने कभी अपनी तरफ उठती उंगली नही काटने की कोशिश नही की जैसे संबित पात्रा को घेरने पर एनडीटीवी पर ईडी व सरकारी एजेंसीयो की जांच बिठा दी थी।

मीडिया पर सवाल उठाये, मैं उन मीडिया के दोस्तो से माफी चाहूँगा जिन्होंने आज मीडिया की मर्यादा को बनाया हुआ है, मीडिया वाला तंज कुछ उस मीडिया के लिये था जो सरकार से नियंत्रित होती है, सरकार की जी-हजुरी मे लीन रहती है।

मुझे गर्व है मैं उस पार्टी का कार्यकर्ता हूं जिसने इस देश मे एक लोकतंत्र स्थापित करते हुये किसी की आवाज को दबने नही दिया, इन्हीं अंतिम शब्दों के संग विदा लेता हूं, ये विदाई कितनी लंबी है मालूम नही लेकिन फिर मिलेंगे जरूर।

1 comment:

  1. shaandaar lekh rahul
    https://www.azadmanoj.com/2017/07/abhishek-manu.html

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