Friday, 9 June 2017

एक चेहरा शराफत वाला, देश का सुख चाहने वाला: एक लेख राहुल के नाम

नमस्कार दोस्तो, आज हाजिर हूं दिल मे उभर रही नई तरंगो के साथ।
आज का लेख राहुल गांधी जी के नाम है, एक चेहरा शराफत वाला, देश का सुख चाहने वाला।
राहुल गांधी जी की छवि एक शराफत वाले चेहरे वाली है, राहुल जी वो चेहरा है जो छल-कपट से दूर हैं, राहुल गांधी जी ने कभी छल-कपट करके सरकार नही बनाई जैसा मोदी जी ने गोवा-मणिपुर मे सत्ता हडप ली थी।

राहुल गांधी जी सदैव गरीब-किसान-मजदूर के साथ खडे नजर आते हैं यही वजह बना कि 2014 तक सत्ता मे होते हुये भी कांग्रेस काॅर्पोरेटस व बडे मीडिया घरानों को अपने पक्ष मे नही कर पाई, आप सबको मालूम होगा कि 2014 के चुनाव मे मोदी की एक रैली को पूरी दिखाया जाता था और एक अलग ही शक्तिमान जैसा दिखाया जाता था कि इसके आते ही सब समस्या हल हो जायेंगी लेकिन मीडिया का बनाया गया शक्तिमान गंगाधर निकला और देश की उम्मीदों को तोड गया।

मीडिया घरानों और काॅर्पोरेटस घरानों की मोदी को सुपोर्ट करने की गुप्त सूत्रो की तरफ से एक खास वजह बताई जाती है कि कांग्रेस ने 2014 की जीत के साथ ही एक निर्णय करने कि सोची थी कि काॅर्पोरेट को लगने वाले टैक्स पर एक एक्सटरा 5% डोनेशन टैक्स लगाने की नीति बनाई थी ताकि उस हजारों करोडों के मिलने वाले डोनेशन टैक्स को किसानों-मजदूरों के लिये उपयोग मे लाया जा सके, किसानों-मजदूरों की बिगड रही स्थिति को सुधारा जा सके और गुप्त सूत्रो से सूचना पाते ही बडे-बडे  काॅर्पोरेटस ने तय कर लिया था कि एक बार कुछ हजार करोड लगा देने से हर साल लगने वाले हजारों करोड टैक्स से बचा जाये उसी के तहत मोदी को मीडिया ने हाईलाईट करना शुरू कर दिया था और परिणामस्वरूप अरूण जेटली जी ने पहले ही बजट मे घोषणा करदी थी कि काॅर्पोरेट टैक्स को 5साल मे 5% कम किया जायेगा जोकि सही दर्शाता है कि काॅर्पोरेट घरानों ने जो खर्च किया था उसकी वसूली शुरू हो गई है मोदीसरकार आते ही।

और इसके विपरीत राहुल की छवि बेदाग होते हुये भी दागी बनाने और दागी दर्शाने की कोशिश चल पडी थी, लेकिन राहुल बिना घबराये किसान-मजदूर के संग हर आंदोलन मे खडे नजर आने लगे बिना कैमरे का सहारा लिये क्यूंकि नरेंद्रमोदी जी को कैमरे की लत ही लग गई थी वो बिना कैमरे के सामने आये कुछ भी नही करते थे, वो अपनी मां से मिलने भी कैमरा लेकर जाते थे और आज भी कैमरा लेकर मां को मिलने जाते हैं।
राहुल गांधी जी के प्रयासों के बाद कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफ किया, बस राहुल गांधी जी की छवि को धक्का कांग्रेस की सरकार मे हुये भ्रष्टाचार के मामलों ने क्षति पहुंचाई लेकिन वो क्षति सही मायनों मे मीडिया घरानों ने पहुंचाई थी क्यूंकि राहुल गांधी या कांग्रेस ने कभी किसी भ्रष्टाचारी नेता का बचाव नही किया और किसी भी नेता को भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर ही मंत्रीपद से हटा लिया।

"ना कोई दाग था मेरे राहुल पर, हर तरफ से बेदाग अब भी मेरा राहुल है, इस देश की उम्मीद और एक नई किरण मेरा राहुल है"
"दिलों को दिलों से जोडने की बात करता है, हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई को साथ लेकर चलता है, उसको ना लत कैमरे की है, वो बिन कैमरे के सबके दिल की सुनता है, वो हर नीति देश के सुख की बुनता है"
ये पंक्तियां राहुल जी के लिये दिल मे उभरती हैं क्यूंकि राहुल पर कोई दाग नही है आज भी राहुल पर दाग लगाने की कोशिश हो रही है, लेकिन दोस्तो सोचने की कोशिश कीजिये अगर राहुल खुद दागी होते तो वो बिल कभी नही फाडते जिसमे दागियों को सत्ता मे रहने की अनुमति थी लेकिन राहुल ने वो बिल फाडा और नया बिल लेकर आये जिसके तहत दागियों को लोकतांत्रिक प्रणाली से दूर रखा गया सत्ता से दूर रखा गया।

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राहुल ने भारतीय राजनीति को एक नये आयाम पर लेकर जाने की सोची थी लेकिन भारत के लोग भारत को एक अलग ही आयाम पर लेकर आ गये हैं, भारत बहुत पीछे छूट गया है, भारत भाषणों के फेर मे उलझ गया लेकिन भारत उस फेर को नही समझ पाया जो भारत को एक नई पहचान देता एक अलग ही रूप देता।

राहुल की छवि को बदनाम करने के लिये भ्रष्टाचार के आरोप लगे लेकिन ये वो कांग्रेसी राहुल है जिसकी सरकार लोकपाल बिल लाई, आरटीआई लाकर आम-आदमी को सूचना का अधिकार दिया लेकिन देश उस मोदी के फेर मे उलझ गया जो अब तक लोकपाल, सीएजी की नियुक्ति नही कर पाया और मोदीसरकार ने आरटीआई को कमजोर किया है अब मोदीसरकार ने आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत के बाद सूचना ना देने की नीति के तहत आरटीआई एक्टीविस्ट की जान को खतरा बढा दिया है।

राहुल वो नेता है जो देश के भविष्य के प्रति सजग हैं और नई नीतियां लाने के पक्ष मे और किसानो-मजदूरों के लिये नये कार्यक्रम तैयार करने के पक्ष मे है जिससे किसान-मजदूर अर्थिक मंदहाली से बाहर निकल सके।
देश बेशक राहुल को चाहता हो या नही चाहता हो लेकिन हमारा राहुल इस देश को चाहता है, हर बार इस देश के बारे मे सोचता है, देश को कैसे मजबूत अर्थव्यवस्था की तरफ लेकर जाये, देश का हर वर्ग कैसे सुरक्षित हो, देश मे रोजगार सृजन कैसे हो, कैसा इस देश का अंतिम छोर पर खडा व्यक्ति प्रथम छोर पर खडे व्यक्ति के बराबर हो?

"कुछ उम्मीदें अब भी बाकि हैं, मेरे राहुल को परखना अब भी बाकि है, वो जुमलों से दूर सबको लेकर जायेगा, हकीकत है वो हकीकत मे ही सबको एक नई तरक्की की राह पर लेकर जायेगा, बेशक छवि को दागी करने की कोशिशें लाख हो रही हों, पाक-साफ छवि के संग ही वो इस देश के हर वासी के दिल में छायेगा, 2019 मे इस देश की बन उम्मीद मेरा राहुल आयेगा"

इन अंतिम पंक्तियों संग आप सब से विदा लेता हूं, एक नये लेख के साथ मिलूंगा, एक दिल मे उभरी नई सोच के साथ मिलूंगा।
धन्यवाद साथियों, मेरे लेख पढते रहो, मेरे को हौंसला देते रहो

1 comment:

  1. It's a damn good blog. I am really surprised by this intresting reality.
    Best of luck.

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