नमस्कार दोस्तो, आज नया लेख लेकर आप सबकी नगरी में हाजिर हूं।
आज जैसे ही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने मीरा कुमारी को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित किया तो उनका नाम हर किसी सोशल-मीडिया प्लेटफार्म पर चलने लग गया।
हम आप सबके लिये मीरा कुमार के राजनीतिक सफर का सफरनामा लेकर आये हैं।
मीरा कुमारी दलित समुदाय से हैं और वे पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम की सुपुत्री हैं। मीरा कुमारी 1970 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई। वे कई देशों में नियुक्त रहीं और बेहतर प्रशासक साबित हुई।
अब हम मीरा कुमारी जी के राजनीतिक सफर की तरफ बढते हैं। मीरा कुमारी जी का राजनीतिक सफर 1985 मे उत्तरप्रदेश के बिजनौर संसदीय क्षेत्र से जीत के साथ शुरू होता है, मीरा कुमारी जी ने अपने राजनीतिक जीवन मे दलित समुदाय के चर्चित व दिग्गज चेहरे मायावती और राम विलास पासवान को हराया है।
मीरा कुमार जी 8वीं, 9वीं और 12वीं लोकसभा मे दिल्ली के करोलबाग संसदीय क्षेत्र से सांसद रही हैं। मीरा कुमारी जी को 1999 मे बीजेपी की लहर मे हार का सामना पडा लेकिन मीरा कुमारी जी ने 2004 के आम चुनावों मे शानदार वापसी करते हुये अपने पिता श्री जगजीवन राम के संसदीय क्षेत्र सासाराम से बहुत जबरदस्त जीत हासिल की।
मीरा कुमारी जी को भारत की प्रथम महिला लोकसभा स्पीकर होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मीरा कुमारी जी कांग्रेस के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार(2005-09) मे समाजिक न्याय मंत्रालय मे मंत्री भी रही।
ये मीरा कुमारी जी का राजनीतिक सफरनामा है, आज जैसे ही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने मीरा कुमारी जी को 17दलों का राष्ट्रपति पद के लिये उम्मीदवार चुना गया, और खास बात ये रही है कि मीरा कुमारी जी उसी दलित समुदाय से आती है जिस समुदाय से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद आते है, और ये फैसला बीजेपी के उन प्रवक्ताओं के मुंह पर जोरदार तमाचा है जो रामनाथ कोविंद के विरोध को दलित विरोधी बता रहे थे, अब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के प्रवक्ताओं को उन प्रवक्ताओं से सवाल पूछना चाहिए कि अब मीरा कुमारी जी का विरोध करना महिला शक्ति का अपमान करना है।
दोस्तो, मेरा ब्लॉग कैसा लगा जरूर बताईयेगा, मैं अभी सीखने के दौर में हूं, धीरे-धीरे सीख जाऊंगा, बस अपना आशीर्वाद बनाये रखना।
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