दोस्तों, आज "कैसे मनाऊं अबके बरस ये दिवाली?" लेख लेकर आया हूं उम्मीद करता हूं आप सब पसंद करेंगे
कैसे मनाऊं अबके बरस दिवाली?
"सीमा पर मर रहे जवान है गर्भ में मर रही है बेटी, जो जिन्दा हैं बच्चे गरीब के वो भी कहां जिन्दा है वो मर रहे हैं होकर शिकार कुपोषण का, इस कलयुग में हर कोई हिमायती हो रहा है शोषण का"
दोस्तो, इन पंक्तियों में आज के भारत का पूरा दृश्य है, आप लोगों को सीमा के हालात भी पता है और देश आंतरिक हालात भी।
देश के अंदर बेटियों को गर्भ में मारा जा रहा है हालांकि सरकारी कानून जरूर सख्त हैं और देश के कई राज्यों में कुपोषण का शिकार हो रहे हैं बच्चे लेकिन कुपोषित होते बच्चों के लिये कोई सख्त निर्णय व कानून नहीं है और आप सभी जानते ही हो हमारे देश में बालात्कारों की संख्या बढ़ रही है क्यूंकि शारिरिकशोषण करने वाले दरिंदों के लिये भी कोई सख्त कानून नहीं है।
यही कारण है कि देश में ऐसी घटनायें बढ रही हैं और सबसे अधिक बालात्कार मध्यप्रदेश में, फिर उसके बाद राजस्थान में हो रहे हैं।
और तो और मेरा प्रदेश हरियाणा में गैंग-रेप के मामले सबसे अधिक दर्ज हुये हैं जो प्रदेश को कलंकित करते हैं इन रेप के मामलों में हम किसी सरकार को दोषी नहीं ठहरा सकते, क्यूंकि सरकार किसी के दिल में नहीं बैठी कि कोई क्या करने को सोच रहा है क्या गंदी सोच लिये घूम रहा है, हम सबको एक सभ्य समाज की रचना करनी होगी, हम सबको एक मुहिम चलानी होगी "आपकी बेटी, हमारी बेटी, आपकी बहन, हमारी बहन"
कुछ लोग ऐसी घटनाओं के बढने में कपडों का दोष निकालते हैं लेकिन बहुत ही कम लोग होते हैं जो गंदी सोच व गंदे संस्कारों का दोष मानते हैं
इस लेख के माध्यम से मैं समाज में फैल रही है एक कट्टरता नामक बीमारी की तरफ भी उंगली उठाना चाहूंगा।
आजकल हर कोई कहता है कि मैं कट्टर हिंदू, मैं कट्टर मुस्लिम, मैं कट्टर सिख, मैं कट्टर जाट, मैं कट्टर राजपूत, मैं कट्टर गुज्जर और भी बहुत सी जातियां जो कट्टर मानती हैं खुद को
लेकिन बहुत ही कम है वो लोग जो खुद को कट्टर इंसान मानते हैं, ये कट्टरता ले डूबेगी, ये कट्टरता समाज में लाठियां चलवायेंगी, ये कट्टरता समाज को बांट देगी।
हमको कट्टर बनना है तो कट्टर इंसान बनना होगा जो इंसानियत निभाते वक्त कोई धर्म या जाति ना देखे, सभी धर्म व जातियों को त्योहारों को मिलकर मनायें ताकि आपसी सद्भाव और भाईचारा कायम रहे और
"मेरा हिन्दुस्तान एकता के सूत्र में बंधा रहे, हर हिन्दुस्तानी का चेहरा खिलखिलाता-हंसता-हसांता रहे"
आज लेख कैसा लगा दोस्तो, शेयर और कमेंट करके जरूर बताना
आपके कमेंट का प्रतिक्षित रहूंगा
कैसे मनाऊं अबके बरस दिवाली?
"सीमा पर मर रहे जवान है गर्भ में मर रही है बेटी, जो जिन्दा हैं बच्चे गरीब के वो भी कहां जिन्दा है वो मर रहे हैं होकर शिकार कुपोषण का, इस कलयुग में हर कोई हिमायती हो रहा है शोषण का"
दोस्तो, इन पंक्तियों में आज के भारत का पूरा दृश्य है, आप लोगों को सीमा के हालात भी पता है और देश आंतरिक हालात भी।
देश के अंदर बेटियों को गर्भ में मारा जा रहा है हालांकि सरकारी कानून जरूर सख्त हैं और देश के कई राज्यों में कुपोषण का शिकार हो रहे हैं बच्चे लेकिन कुपोषित होते बच्चों के लिये कोई सख्त निर्णय व कानून नहीं है और आप सभी जानते ही हो हमारे देश में बालात्कारों की संख्या बढ़ रही है क्यूंकि शारिरिकशोषण करने वाले दरिंदों के लिये भी कोई सख्त कानून नहीं है।
यही कारण है कि देश में ऐसी घटनायें बढ रही हैं और सबसे अधिक बालात्कार मध्यप्रदेश में, फिर उसके बाद राजस्थान में हो रहे हैं।
और तो और मेरा प्रदेश हरियाणा में गैंग-रेप के मामले सबसे अधिक दर्ज हुये हैं जो प्रदेश को कलंकित करते हैं इन रेप के मामलों में हम किसी सरकार को दोषी नहीं ठहरा सकते, क्यूंकि सरकार किसी के दिल में नहीं बैठी कि कोई क्या करने को सोच रहा है क्या गंदी सोच लिये घूम रहा है, हम सबको एक सभ्य समाज की रचना करनी होगी, हम सबको एक मुहिम चलानी होगी "आपकी बेटी, हमारी बेटी, आपकी बहन, हमारी बहन"
कुछ लोग ऐसी घटनाओं के बढने में कपडों का दोष निकालते हैं लेकिन बहुत ही कम लोग होते हैं जो गंदी सोच व गंदे संस्कारों का दोष मानते हैं
इस लेख के माध्यम से मैं समाज में फैल रही है एक कट्टरता नामक बीमारी की तरफ भी उंगली उठाना चाहूंगा।
आजकल हर कोई कहता है कि मैं कट्टर हिंदू, मैं कट्टर मुस्लिम, मैं कट्टर सिख, मैं कट्टर जाट, मैं कट्टर राजपूत, मैं कट्टर गुज्जर और भी बहुत सी जातियां जो कट्टर मानती हैं खुद को
लेकिन बहुत ही कम है वो लोग जो खुद को कट्टर इंसान मानते हैं, ये कट्टरता ले डूबेगी, ये कट्टरता समाज में लाठियां चलवायेंगी, ये कट्टरता समाज को बांट देगी।
हमको कट्टर बनना है तो कट्टर इंसान बनना होगा जो इंसानियत निभाते वक्त कोई धर्म या जाति ना देखे, सभी धर्म व जातियों को त्योहारों को मिलकर मनायें ताकि आपसी सद्भाव और भाईचारा कायम रहे और
"मेरा हिन्दुस्तान एकता के सूत्र में बंधा रहे, हर हिन्दुस्तानी का चेहरा खिलखिलाता-हंसता-हसांता रहे"
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