Thursday 13 April 2017

किताबों में पढा करता था, "हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई"

किताबों में पढा करता था, "हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई"
मगर अब 25वें पडाव पर आकर अहसास होता है कि आखिर क्यूं राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले हम सब के बीच धर्मो की खाई पैदा कर देते हैं, यह मैं किसी एक राजनीतिक दल पर लागू नहीं कर रहा, हर दल पर यह बात लागू होती हैं।

लेकिन एक दल विशेष कांग्रेस के लिये हिन्दुओ के दिलों में नफरत पैदा करने के लिये ये कहता है कि कांग्रेस मुस्लिमानों का पार्टी है क्यूंकि कांग्रेस की प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी का पति फिरोज खान एक मुस्लिम था, इसलिये कांग्रेस मुस्लिमों का साथ देती है, लेकिन दोस्तो इस सोच को कामयाब बनाने के लिये ही उन लोगों ने हिन्दू और मुस्लिमों के बीच में बडी खाई पैदा की, एक दूसरे का दुश्मन तक घोषित करदिया, लेकिन दोस्तों चन्द लाईने लिख रहा हूं अगर समझ आये तो, खुद को इन्सान कह लेना---

"कब तक निभायेंगे हम दुश्मनी, अब तो हमकों इन्सानियत का पाठ पढने दो"
"छोड देंगे दुश्मनी को खुला, बस अब तो भाईचारा सभी धर्मो में बढने दो"
"बहुत हुआ खून-खराबा, अब तो आपस में मिठाईयां बंटने दो"
"ईद मनाये हिन्दू और दिवाली मुस्लिमों के घर मनने दो"

"धर्म की आड में इन्सानियत उलझ सी गई, मगर अब तो इन्सानियत से आड धर्मो की हटने दे"
"हर दिल की धडकन में भाईचारा गूँजने दो, हिन्दू का दुख मुस्लिम व मुस्लिम का दुख हिन्दू को समझने दो"
"सभी तथ्यों का एक निचोड निकालता हूं, मैं खुद को ना हिन्दू, ना मुस्लिम बस सच्चा भारतीय कहलवाता हूं"
160530162534_hindu_muslim_sikh_christian_promo_624x351_thinkstock_nocredit
सभी साथियों से निवेदन आपसी भाईचारा, प्रेम व आपसी सहयोग बनाकर रखिये, बस दिल में यही सोच रखिये कि मैं जन्म से इन्सान पैदा हुआ हूं, मैं आप लोगों से अपने धर्म के रिति-रिवाज भूलने को या छोडने को नहीं कह रहा, मैं तो बस आपसे आपसी भाईचारे के साथ रहने को कह रहा हूं..!

No comments:

Post a Comment